दिन पर दिन भारत में बढ़ते पत्रकारों पर हमले और ऑनलाइन ट्रॉल्स , पहले जिन ट्रॉल्स को लोग सिर्फ मजाक के रूप में लेते थे अब वो खतरनाक रूप धारण कर रहे है , भारत में पिछले साल भी कई पत्रकारों की निर्मम हत्या कर दी गयी।
उन का दोष सिर्फ इतना ही था की उन्होंने पूरा प्रयास किया सच को जनता के सामने रखने का , उन पर हमले की धमकियाँ भी आयी और सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी आगाह किया गया मगर वो नहीं रुके , क्योंकि कहीं न कहीं तो हमें लगता ही है की धमकाने वाले सिर्फ धमका ही रहे है और हमको उनसे कोई खतरा नहीं है। आज कल इनकी सेना (ट्रोल आर्मी ) खड़ी हो गयी है , न जाने कितने लोग ऐसे संगठनो से जुड़ गए है जो हिन्दू और मुसलमान पर देश को बाँट रहे है , जब बीफ़ रखने के "संदेह " पर इंसान को मार दिया जाता है , तो उनके बारे में सोचिए जो पूरे सिस्टम के खिलाफ खड़े होते है और सचाई का साथ देते है।ऑनलाइन गाली सुनना तो इनका (पत्रकार ) का रोज़ का काम है और यह तो पहले भी होता था लेकिन अब लोग इनके परिवार वालो को भी नहीं छोड़ते है और उनको भी मारने की धमकी दे देते है और डर की बात तो यह है की इनका कोई भरोसा भी नहीं होता क्योकि इनको पुलिस और क़ानून का डर तो है ही नहीं।
फेसबुक पर ऐसे कई पेज और ग्रुप सक्रिय है जो खुलेआम चुनौती देते है पत्रकारों को और ऑनलाइन धमकियाँ देते है बिना कोई खौफ के।
जनता तक सच्चाई पहुंचाने की जिम्मेदारी तो पत्रकार की ही होती है और जब पत्रकार को उसके काम के लिए ही रोक दिया जाए तो वो पत्रकार ही नहीं रह जाएगा। यह तो वही बात हो गयी की डॉक्टर को कहा जाए आप मरीज़ की जांच कर लीजिये लेकिन उसको बताइये नहीं और न ही उसका इलाज करिए ।पत्रकारों के खिलाफ बढ़ते गुनाह और हमले हमारे देश की छवि ख़राब कर रहे है विश्व में , अन्तराष्ट्रीए संस्था जो सुरक्षित देशो की लिस्ट निकालता है उसने भारत को अफगानिस्तान , पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों के साथ स्थान दिया है , और इस बात से आप समझ सकते है की हालत कितने ख़राब हो रहे है।
ऑनलाइन हमलावर अब अपनी पहचान भी छुपाना जरुरी नहीं समझते और खुलेआम मारने का बिगुल फूकते रहते है , ऐसे में हमारे साइबर सिक्योरिटी सेल हाथ पर हाथ रखे बैठे रहते है , पत्रकार की सारी डिटेल्स इंटरनेट के माध्यम से निकाल ली जाती है और फिर उसे तंग किया जाता है और धमकियाँ दी जाती है। ऐसा करने वाले कोई और नहीं होते बल्कि ऐसे लोग होते है जो मज़े-मज़े में कमेंट कर देते है और इसी का फायदा मुस्दैद गुनहगार उठा लेते है , आप भी तो कभी जाने-अनजाने में किसी के बारे में आपत्ति जनक तो नहीं लिख देते जिसको देख कर सामने वाले को दुःख हो या फिर डर लगे, क्योकि ऐसा करने पर आप भी ट्रोल आर्मी का हिस्सा हो जाते हो।
उम्मीद है की हालात जल्द ही सुधरेंगे और पत्रकार बिना कोई खौफ के अपना काम कर पाएंगे।
उन का दोष सिर्फ इतना ही था की उन्होंने पूरा प्रयास किया सच को जनता के सामने रखने का , उन पर हमले की धमकियाँ भी आयी और सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी आगाह किया गया मगर वो नहीं रुके , क्योंकि कहीं न कहीं तो हमें लगता ही है की धमकाने वाले सिर्फ धमका ही रहे है और हमको उनसे कोई खतरा नहीं है। आज कल इनकी सेना (ट्रोल आर्मी ) खड़ी हो गयी है , न जाने कितने लोग ऐसे संगठनो से जुड़ गए है जो हिन्दू और मुसलमान पर देश को बाँट रहे है , जब बीफ़ रखने के "संदेह " पर इंसान को मार दिया जाता है , तो उनके बारे में सोचिए जो पूरे सिस्टम के खिलाफ खड़े होते है और सचाई का साथ देते है।ऑनलाइन गाली सुनना तो इनका (पत्रकार ) का रोज़ का काम है और यह तो पहले भी होता था लेकिन अब लोग इनके परिवार वालो को भी नहीं छोड़ते है और उनको भी मारने की धमकी दे देते है और डर की बात तो यह है की इनका कोई भरोसा भी नहीं होता क्योकि इनको पुलिस और क़ानून का डर तो है ही नहीं।
फेसबुक पर ऐसे कई पेज और ग्रुप सक्रिय है जो खुलेआम चुनौती देते है पत्रकारों को और ऑनलाइन धमकियाँ देते है बिना कोई खौफ के।
जनता तक सच्चाई पहुंचाने की जिम्मेदारी तो पत्रकार की ही होती है और जब पत्रकार को उसके काम के लिए ही रोक दिया जाए तो वो पत्रकार ही नहीं रह जाएगा। यह तो वही बात हो गयी की डॉक्टर को कहा जाए आप मरीज़ की जांच कर लीजिये लेकिन उसको बताइये नहीं और न ही उसका इलाज करिए ।पत्रकारों के खिलाफ बढ़ते गुनाह और हमले हमारे देश की छवि ख़राब कर रहे है विश्व में , अन्तराष्ट्रीए संस्था जो सुरक्षित देशो की लिस्ट निकालता है उसने भारत को अफगानिस्तान , पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों के साथ स्थान दिया है , और इस बात से आप समझ सकते है की हालत कितने ख़राब हो रहे है।
ऑनलाइन हमलावर अब अपनी पहचान भी छुपाना जरुरी नहीं समझते और खुलेआम मारने का बिगुल फूकते रहते है , ऐसे में हमारे साइबर सिक्योरिटी सेल हाथ पर हाथ रखे बैठे रहते है , पत्रकार की सारी डिटेल्स इंटरनेट के माध्यम से निकाल ली जाती है और फिर उसे तंग किया जाता है और धमकियाँ दी जाती है। ऐसा करने वाले कोई और नहीं होते बल्कि ऐसे लोग होते है जो मज़े-मज़े में कमेंट कर देते है और इसी का फायदा मुस्दैद गुनहगार उठा लेते है , आप भी तो कभी जाने-अनजाने में किसी के बारे में आपत्ति जनक तो नहीं लिख देते जिसको देख कर सामने वाले को दुःख हो या फिर डर लगे, क्योकि ऐसा करने पर आप भी ट्रोल आर्मी का हिस्सा हो जाते हो।
उम्मीद है की हालात जल्द ही सुधरेंगे और पत्रकार बिना कोई खौफ के अपना काम कर पाएंगे।
This is really shameful.. Agar yhi chlta rha to shayad is duniya mai srf bure log hi bachenge.. But still m wid oll the journalist. .N want to b a part of that..!
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