बिहार का बाढ़ से नाता बहुत ही पुराना रहा है। आज भी खबर आ रही है की बिहार के 10 डिस्ट्रिक्ट में बाढ़ को नज़र में रखते हुए NDRF की टीमें भेजी गयी है। बात यह नहीं है की बाढ़ आती क्यों है , सवाल तो यह है की उससे बचने के लिए आपने तैयारी क्या कर रखी है ? क्योकि यह आपका पहली बार नहीं है की आपको पता ही नहीं था की बाढ़ भी आ सकती है। हर बार हमें यही खबर मिलती है की बाढ़ की वजह से यहाँ इतना नुकसान हुआ है और अगर तैयारी थोड़ी पहले और हो जाती तो इतना जान - माल का नुक्सान नहीं होता। आज कोशी निवासी उसी तिराहे पे खड़े है जहाँ वो 1987 में खड़े थे , आखिर इस चुलबुली कोशी का इलाज क्या है। क्या यहाँ पर बाँध बना देना चाहिए? क्या बाँध ही इस नदी का इलाज है ? पर्यावरण को बचाने वाले तो यही कहेंगे की बाँध बनाना कोई समाधान नहीं है !! लेकिन मेरा तर्क तो यही है की बात पर्यावरण को बचाने की है तो बाढ़ ला कर आप कौन सा पर्यावरण बचा रहे है ?? अगर बाँध बन जाता तो कम से कम इतनी तबाही तो नहीं होती। विनाशकारी बाढ़ के लिए कोशी को "बिहार का शोक " भी कहा जाता...
Think different, Think VIVPOST .