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राजनीती में एक नया जंग शुरू होने वाला है , साख बचाने का महायुद्ध , जहाँ एक तरफ भाजपा अपनी गढ़ में चुनाव लड़ रही है तो दूसरी तरफ कांग्रेस को अपना झंडा भी तो गाड़ना है।
जैसे - जैसे गुजरात चुनाव पास आ रहे है आप खुद ही देखेंगे की एक पार्टी दूसरी पार्टी पर आरोपों की सुनामी ला देगी।
बागी नेता , पुराने मित्र , साथी नेता सब धीरे-धीरे अपना रंग दिखाएंगे।
बड़े - बड़े नेताओ का गुजरात में आना जाना , आम लोगो के घर जाना , जो कभी अपने क्षेत्र नहीं गए वो भी विकास की बाते करेंगे, आम लोगो के घर का खाना खाएंगे , कुछ तो रेडियो से ही बातें सुनाएगे।
राजनीती में एक नया जंग शुरू होने वाला है , साख बचाने का महायुद्ध , जहाँ एक तरफ भाजपा अपनी गढ़ में चुनाव लड़ रही है तो दूसरी तरफ कांग्रेस को अपना झंडा भी तो गाड़ना है।
जैसे - जैसे गुजरात चुनाव पास आ रहे है आप खुद ही देखेंगे की एक पार्टी दूसरी पार्टी पर आरोपों की सुनामी ला देगी।
बागी नेता , पुराने मित्र , साथी नेता सब धीरे-धीरे अपना रंग दिखाएंगे।
बड़े - बड़े नेताओ का गुजरात में आना जाना , आम लोगो के घर जाना , जो कभी अपने क्षेत्र नहीं गए वो भी विकास की बाते करेंगे, आम लोगो के घर का खाना खाएंगे , कुछ तो रेडियो से ही बातें सुनाएगे।
गुजरात राज्य का समीकरण :-
गुजरात राज्य में कुल 182 सीट है।
जिनमे से 92 चाहिए सरकार बहुमत में बनाने के लिए।
पिछले 15 सालो से यहाँ भाजपा का ही डंका रहा है।
पाटीदार समाज तक़रीबन 70 सीटों को प्रभावित कर सकता है।
भाजपा V/S कांग्रेस
यह जंग उसी जंग की तरह है जैसा दुसरे विश्वयुद्ध के बाद रूस और अमेरिका के बीच लड़ा गया था (सीत युद्ध )
जैसा El-Classico में बार्सिलोना और रियल मेड्रिड के बीच होता है।
एक दुसरे पर आरोप गढ़ने में यह दोनों माहिर है।
पाटीदार अनामत आन्दोलन समिति (PAAS)
नयी पार्टी भी आई है मार्किट में जिनके जाने-माने नेता हार्दिक पटेल है , जो की पाटीदार को आरक्षण का हक दिलाने के लिए आन्दोलन कर रहे थे।
उन्होंने पहले कहा था की उनकी यह समिति एक आन्दोलन के लिए ही बनाया गयी है लेकिन अब यह चुनाव के मैदान में भी उतर आई है, इसके जाने माने नेता सब अब चुनाव लड़ रहे है।
अब तो वक़्त ही बताएगा की चुनाव जीतने के बाद वो अपना वादा पूरा करेंगे या नहीं।
मेरा पक्ष :-
भाजपा के लिए :- अगर आप लोगो ने सही में काम किया है और विकास किया है तो आप को हक्मकाने की और ज्यादा चिंता करने की या फिर वोटरों को लुभाने की जरुरत नहीं है।
कांग्रेस के लिए :- आपकी पार्टी पर अभी लोगो का भरोसा नही जागा है , आपको अपने वोटरों पर ध्यान देना पड़ेगा। चुनावों के समय ही नहीं आपको उसके बिना भी लोगो के बीच जाना चाहिए।
PAAS के लिए :- आपने जो वादे किये है उनको तो आपको पूरा ही करना है , लेकिन आपके आपस में ही फूट सबसे बड़ी दिक्कत है।
वक़्त आने पर ही पता चलेगा की आप कितना सतर्क है अपने वादे पूरा करने के लिए।
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मेरे और हिंदी लेखन :- Bihar Flood(बिहार बाढ़ ) और Gorakhpur Tragedy(गोरखपुर त्रासदी )
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