बीते 3 - 4 दिनों से एक ही खबर सुनने में आ रही है , गोरखपुर में एक सरकारी अस्पताल में 60 बच्चो की मौत को लेकर।
सत्ताधारी पक्ष का कहना है की मौत ऑक्सीजन की सप्लाई रोक देने के कारण नहीं हुई है , यह एक सामान्य मौत है जो की उनकी बीमारी के कारण हुई है।
उसी तरफ विपक्ष और मीडिया का उन पर यह आरोप लगा रही है की आप की लच्चर व्य्वस्था के कारण और गैस एजेंसी के लाखो रुपये बकाये रखने के कारण ऑक्सीजन सप्लाई को बंद कर दिया गया है और यही कारण है बच्चो की मौत का।
उसी बीच केंद्र द्वारा गठित कमेटी और मुख़्यमंत्री ने अपना काम कर लिया ( प्रेस कांफ्रेंस ) और वह भी यही नतीजे पर पहुंचे की मौते ऑक्सीजन की सप्लाई बंद होने की वजह से नहीं जबकि बच्चो की अपनी अपनी बीमारियों के कारण मौत हुई है , और अस्पताल के प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया।
जब प्रिंसिपल ने पहले ही इस्तीफा दे दिया था तो उनको आप निलंबित कैसे कर सकते है !!!!
हिंदुस्तान अखबार ने अपने संस्करण 30 जुलाई को ही बता दिया था की अस्पताल में ऑक्सीजन की किल्लत होने वाली है और इस का खतरनाक परिणाम भी हो सकता है , तब इसपे किसी अधिकारी का ध्यान क्यों नहीं गया आश्चर्य की बात है।
किसी भी बड़े मुद्दे पर यही होता है, सरकार अपने आप को बचाने के लिए किसी के ऊपर भी आरोप मढ़ देगी और आगे बढ़ जाएगी।
केस चलता रहेगा और बातें बनती रहेगी और कुछ दिन के बाद कोई नया मुद्दा और पुरानी बातें ठंडे बस्ते में।
खैर छोड़िये हमें इन पॉलिटिक्स में नहीं जाना।
और हां ,
इस घटना की मै कड़ी निंदा करता हूँ।
Ye Sab laparvahi hai..!!
ReplyDeleteJee hame bhi yahi lagta hai.!!
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